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Saturday, February 6, 2010

ऐसा सवेरा हो

सर्दियो की नर्म धुप में काश
काश इक ऐसा सवेरा हो
जब कहीं दूर जंगल में नाचें मोर
और भँवरे भी महकाए शोर
और मै अपने मित्रो के संग
गाऊँ एक प्यारासा नगमा
और महकती कलियो में
शबनम भी खूब छलकते हो
और ठंडी सी फिजा में
कोयल की कूक भी शामिल हो
काश इक ऐसा सवेरा हो
जब हर तरफ ख़ूबसूरती का बसेरा हो
और हर तरह के फूलो की महक ने
सर्दियों की नर्म धुप में
.............काश इक ऐसा सवेरा हो

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ऐसा सवेरा हो

3:48:00 PM Posted by Vishwajeet Singh
सर्दियो की नर्म धुप में काश
काश इक ऐसा सवेरा हो
जब कहीं दूर जंगल में नाचें मोर
और भँवरे भी महकाए शोर
और मै अपने मित्रो के संग
गाऊँ एक प्यारासा नगमा
और महकती कलियो में
शबनम भी खूब छलकते हो
और ठंडी सी फिजा में
कोयल की कूक भी शामिल हो
काश इक ऐसा सवेरा हो
जब हर तरफ ख़ूबसूरती का बसेरा हो
और हर तरह के फूलो की महक ने
सर्दियों की नर्म धुप में
.............काश इक ऐसा सवेरा हो
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