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Saturday, February 6, 2010

क्या देखा ?

भीड़ में रिश्तों की इस दिल को अकेला देखा 
 ज़िन्दगी ऐसा भी हमने तेरा चेहरा देखा 
अब तो बंद होने की आँखों को इजाज़त दे दे 
 आँखों ने तेरा जाग कर रस्ता देखा 
उम्र भर साथ चले फिर भी रहे हम तन्हा 
हमने कुर्बत में भी ऐसा फासला देखा 
उस ने बाहो में समां रखे थे दरिया लेकिन 
हमने साहिल को जो देखा भी तो प्यासा देखा

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क्या देखा ?

3:34:00 PM Posted by Vishwajeet Singh
भीड़ में रिश्तों की इस दिल को अकेला देखा 
 ज़िन्दगी ऐसा भी हमने तेरा चेहरा देखा 
अब तो बंद होने की आँखों को इजाज़त दे दे 
 आँखों ने तेरा जाग कर रस्ता देखा 
उम्र भर साथ चले फिर भी रहे हम तन्हा 
हमने कुर्बत में भी ऐसा फासला देखा 
उस ने बाहो में समां रखे थे दरिया लेकिन 
हमने साहिल को जो देखा भी तो प्यासा देखा
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