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Monday, September 18, 2017

बावनकुले (मंत्री) का नाम लेकर धन उगाही, लूटपाट डकैती, टेस्टी रसोई ढाबा डकैती प्रकरण




विषय:  बावनकुले (मंत्री) का नाम लेकर धन उगाही, लूटपाट डकैती,  टेस्टी रसोई ढाबा डकैती प्रकरण FIR 0415 की पुनः निष्पक्ष जांच करने हेतु निवेदन
नमस्कार,
          मैं, अभिजित सिंग शिवबहादूर सिंग ठाकूर, रा. नागपूर, वर्ष २००३ से मेरी माताजी सौ. माधुरी सिंग शिवबहादुर सिंग ठाकुर द्वारा संचालित एवं स्थापित ‘टेस्टी रसोई ढाबा’ मुरली एग्रो पेपर मिल के पास, मौजा – वडोदा, ता-कामठी जि-नागपूर में कार्य करता हूँ.
              दिनांक ०९/०९ / २०१७ प्रातः २.०० बजे के करीब ढाबे (होटल) बंद करके सभी नौकर, मिस्त्री, कुक तंदूरवाला टेबलपर भोजन कर रहे थे. कुछ ग्राहक (ट्रक ड्रायव्हर) खाट पर विश्रांती ले रहे थे. मैं ढाबे का राउंड लेने के लिए ढाबा परिसर में घूम रहा था. इतने में मैंने देखा की सफ़ेद स्कार्पियो कार क्र. MH 40 AR 4901 आयी इसमें से ४-५ लोग उतरे, उनके हाथो में डंडे, हॉकी स्टिक, थे.  वे अश्लील गाली-गलौच करते हुए विश्रांति कर रहे ड्रायव्हरो को मार–मार कर भगाना शुरू कर दिया, ढाबे का मालिक कहा हैं आज वह बचेगा नहीं, उसका मर्डर करना हैं, बाहर निकल, कहाँ छुपा हैं, यह चिल्लाते हुए उन्होंने खाट पर सो रहे ट्रक ड्रायवरो को बहुत मारा, टेबल पर भोजन कर रहे हमारे ढाबे के कुक, नौकर को टेबल सहित गिरा दिया, उसका भोजन फेंक दिया.  किचन में घुस कर तोड़फोड़ करते हुए सभी गंज, किचन का सामान फेंक दिया, सब्जियां, दाल , मसाले, ग्रेव्ही के गंजो को पलता दिया और उसमे रखा सारा सामान बिखरा दिया. ढाबे का मालिक बाहर निकल, जोर जोर से कंपा देनेवाली आवाज निकलते हुए वे लोग वेटर वीरेश अन्ना को मार रहे थे, उसको इतना मारे की वह बेहोश हो गया. उसके कपडे फाड़ दिए उसको नंगा करके मारे. उसको मराठी भाषा समझती नही क्योंकि वह कर्नाटक का रहने वाला हैं और कन्नड़ – हिंदी ही जानता हैं. वह बचाओ बचाओ चिल्ला रहा था, उसको ये लोग घेर घेर कर मार रहे थे और मराठी में गालियाँ देकर चिल्ला रहे थे. किचन के पास खड़ीं टू-व्हीलर गाडी सुझुकी समुराई MH 31 AS 4790  को तोड़ना-फोड़ना शुरू कर दिया, उसकी टंकी पिचका दिए उसका लाईट तोड़ दिए, इंडिकेटर तोड़ दिए. तोड़फोड़ करते हुए कैश काउन्टर में घुसे, वहां राखी हुई वस्तुओ को फेंका, उसमें सिगरेट के ३-४ डब्बो को निकालकर जेब में डाल लिया, कैश काउंटर में रखे हुए देवी देवताओ की फोटो को फेंक दिया. उन्हें पैरो तले रौंदा. हमारे सामने देवताओ का अपमान किया. हमारी धार्मिक भावनाओ को दुखाया शिवाजी महाराज की फोटो को फोड़कर, फाड़ दिया. बहुत गन्दी गन्दी गलियाँ दी. कैश काउंटर के पास ही मुस्लिम भाईयो के इबादत के लिए दरगाह बनाई गई हैं, उसे उन्होंने तोड़ दिया, हरा कपड़ा और फूलो की चादर को पैरो तले रौंदकर कैश बोक्स (गल्ले) में से रूपये 17,000 के नोटों के बंडल को निकालकर दिखा दिखाकर चिल्ला रहे थे. “किसमें दम हैं, कौन माई का लाल हैं जो भी ढाबा मालिक यहाँ रहेगा, नौकर यहाँ रहेंगा उसे बहुत मार मारेंगे. छोड़ेंगे नहीं, अपनी जान की खैरियत चाहते हो तो भाग जाओ यहाँ से. नहीं तो छोड़ेंगे नहीं.”  कैश बोक्स (गल्ले) में रखी सोने की अंगूठी (5 ग्राम) भी उन्होंने ले ली.  वे लोग नाईट पैन्ट और हाफ टी-शर्ट पहने हुए थे. उनके गाडी के पीछे में पट्टे वाली गाड़ी टोल नाके की क्र. MH 40 Y-9883  भी खड़ी थी. जिसमे पुलिसवाले और ४-५ लोग और बैठे हुए थे. वे सभी यह देख रहे थे.
        मैं बहुत डर गया, बाजूवाले खेत के बगल में ही लाल गाय वाले लोगो का बेडा हैं, मैं अपनी जान बचाकर ढाबे से भाग निकला और लाल गाय वालो के बेड़े में आकर छुपा. उन्हें इतनी रात में जगाया और ढाबे में हो रही डकैती लूटमार की घटना की जानकारी दी. उन्हें मनाया की मुझे मदत करो, मेरे साथ ढाबे पर चलो. वे लोग मेरी दशा को देखकर मेरे साथ चल पड़े. उनका गमछा मैंने अपने सिर पर बांधकर, मैंने उनके जैसा रूप ले लिया. मैंने अपने घर पर पिताजी को मो.क्र. 9423615646 पर फोन करके ढाबे में हो रही डकैती मारपीट लूटमार की जानकारी दी. जिसपर पिताजी ने ग्रामीण पुलिस कंट्रोल रूम को फोन करके सहायता की मांग करने की बात कही और बताया की वे भी तुरंत घर से ढाबे के लिए निकल रहे हैं.
       लाल गाय वालो को साथ में लेकर जब मैं ढाबे पर पहुंचा तो देखा की वे लोग अभी भी तोड़ फोड़ कर रहे थे, जोर जोर से चिल्ला रहे थे. ट्रक ड्राइवरों को मार रहे थे. सारा सामान, टेबल, खाना निचे गिरा पड़ा था. वे लोग दारू पिए हुए थे और मर्डर करने की बात को जोर जोर से चिल्ला रहे थे. “हमारा कोई कुछ नही उखाड़ सकता हैं, सभी नेता, पुलिस हमारी जेब में हैं,आजके बाद से इस ढाबे पर कोई नही दिखना चाहिए  नही तो अंजाम बहुत बुरा होंगा.” यह कहकर वे लोग सफ़ेद स्कार्पियो गाड़ी में बैठकर चले गए. उनकी गाड़ी के साथ ही टोल नाके की गाड़ी भी चली गई. हमारे पिताजी और भाई ४.०० बजे के आस-पास ढाबे पर पहुंचे. उन्हें देखकर हमारी जान में जान आयी. हम सभी दहशत में थे, ट्रक वाले भी डरे सहमे थे.
         सुबह 8 .00 बजे  मैं, अभिजित सिंह शिवबहादुर सिंह ठाकुर, अपने पिताजी को साथ लेकर, अन्य नौकरों को साथ लेकर मौदा पोलिस स्टेशन थाने में पहुंचकर पुलिसवालो को इस घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने की विनंती की. उन्होंने हमें खाली भूखे पेट वही स्टेशन पर बिठाये रखा. हमें उठने तक नहीं दिया गया. पुलिसवालों ने हमें उल्टा चिल्लाया की रिपोर्ट करवाने क्यों आये हो. इस केस में कुछ नही होनेवाला हैं. यहाँ से निकल जाओ. इस मामले को आगे मत बढाओ.
            आखिर में माथनी- मौदा गाँव के कुछ रहिवासियों को इस घटना की जानकारी मिली वे लोग मौदा पोलिस स्टेशन पहुंचे. उन्होंने हमारी हालत देखी और पुलिसवालों का न्याय रवैया देखा. बढती भीड़ को देखकर दोपहर १.00  बजे के बाद पुलिसवालो ने प्राथमिकी FIR दर्ज करने की सहमती दर्शाई. मैंने मुंह जबानी सभी घटना को कह सुनाया, उन्होंने FIR में पुरे तथ्य न लिखकर अपनी आधार पर रिपोर्ट लिखी. मैंने इसपर आपत्ति जताई की FIR में सभी बातो का होना आवश्यक हैं इसपर उन्होंने मुझे उल्टा डांट दिया और कहा की यहाँ साइन करो. कानून नियम सब हम पुलिसवालों को पता हैं. दिन रात यही काम करते हैं. FIR में क्या लिखना हैं और क्या नही लिखना हैं इसका ज्ञान हमें मत सिखाओ. तुम्हे जितना बताया हैं उतना करो. यहाँ साइन करो.
         और मैंने उनके कहने पर उस FIR रिपोर्ट पर साईन कर दिए. उन्होंने मुझसे २-३ कोरे कागजो पर भी साइन करवाएं. दिनांक 12/09/2017 को संध्याकाल 5.00 बजे के करीब जब हम अपने वकील जी के साथ मौदा न्यायालय में गए तो पता चला की 3 आरोपियों को पेश किया गया था, उन्होंने जमानत की अर्जी दी थी. मेरे पिताजी श्री. शिवबहादुर सिंह कमलसिंह ठाकुर जी ने वकील के द्वारा जमानत अर्जी का विरोध किया लेकिन वह नामंजूर की  गई.
        उन्हें जमानत मिल गई , इस घटना से हमारा परिवार दहशत में हैं, हमारे ढाबे के कर्मचारी दहशत में हैं. हमें जान का खतरा बना हैं की कभी भी अनहोनी बात हो सकती हैं. हमें पुलिस द्वारा न्याय नहीं मिला हैं, आरोपियों की सरलता से जमानत हो गई हैं. इतना डर हैं की हमारे २ नौकर ढाबे की नौकरी छोड़ दिए हैं. और अन्य नौकर भी छोड़ने का मन बना चुके हैं.
         पोलिस स्टेशन मौदा, टोल नाका अधिकारीयों और बड़े राजकीय नेताओ की इसमें संलिप्तता होने से इसे साधारण घटना नही कहा जा सकता हैं. यह सुनियोजित रची हुई साजिश हैं . पालकमंत्री श्री. चंद्रशेखर बावनकुले (नागपुर) का नाम लेकर डकैती डालनेवाले, बावनकुले के खास आदमी ‘नरेश मोटघरे व् यशवंत मोटघरे (आरोपी)’ की सहभागिता की जांच होना अति-आवश्यक हैं, बावनकुले के खास आदमी होने से मौदा पुलिस, नागपुर ग्रामीण पुलिस भी किसी प्रकार की कार्यवाही सही तरीके से नही कर रही हैं,अतः आपसे निवेदन हैं की इस साजिश के पिछे कौन लोग हैं, उनकी मंशा क्या हैं इसका पता करना अति-आवश्यक हैं.
       आपसे विनंती करता हूँ की इस घटना की निष्पक्ष जांच क्राइम ब्रांच से करवाई जाएँ ताकि आरोपियों को सही सजा मिल सके, इनकी दहशत से नागरिको को मुक्ति मिल सके. यही आपसे प्रार्थना हैं, न्याय मिले. इस घटना की पुनः जांच कराइ जाएँ .
अर्जदार :

अभिजित सिंग शिवबहादूर सिंग ठाकूर
D-137, पी & टी कॉलनी, काटोल रोड, नागपूर.१३
0712-2582699
8055990782

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बावनकुले (मंत्री) का नाम लेकर धन उगाही, लूटपाट डकैती, टेस्टी रसोई ढाबा डकैती प्रकरण

6:42:00 PM Reporter: Vishwajeet Singh 0 Responses



विषय:  बावनकुले (मंत्री) का नाम लेकर धन उगाही, लूटपाट डकैती,  टेस्टी रसोई ढाबा डकैती प्रकरण FIR 0415 की पुनः निष्पक्ष जांच करने हेतु निवेदन
नमस्कार,
          मैं, अभिजित सिंग शिवबहादूर सिंग ठाकूर, रा. नागपूर, वर्ष २००३ से मेरी माताजी सौ. माधुरी सिंग शिवबहादुर सिंग ठाकुर द्वारा संचालित एवं स्थापित ‘टेस्टी रसोई ढाबा’ मुरली एग्रो पेपर मिल के पास, मौजा – वडोदा, ता-कामठी जि-नागपूर में कार्य करता हूँ.
              दिनांक ०९/०९ / २०१७ प्रातः २.०० बजे के करीब ढाबे (होटल) बंद करके सभी नौकर, मिस्त्री, कुक तंदूरवाला टेबलपर भोजन कर रहे थे. कुछ ग्राहक (ट्रक ड्रायव्हर) खाट पर विश्रांती ले रहे थे. मैं ढाबे का राउंड लेने के लिए ढाबा परिसर में घूम रहा था. इतने में मैंने देखा की सफ़ेद स्कार्पियो कार क्र. MH 40 AR 4901 आयी इसमें से ४-५ लोग उतरे, उनके हाथो में डंडे, हॉकी स्टिक, थे.  वे अश्लील गाली-गलौच करते हुए विश्रांति कर रहे ड्रायव्हरो को मार–मार कर भगाना शुरू कर दिया, ढाबे का मालिक कहा हैं आज वह बचेगा नहीं, उसका मर्डर करना हैं, बाहर निकल, कहाँ छुपा हैं, यह चिल्लाते हुए उन्होंने खाट पर सो रहे ट्रक ड्रायवरो को बहुत मारा, टेबल पर भोजन कर रहे हमारे ढाबे के कुक, नौकर को टेबल सहित गिरा दिया, उसका भोजन फेंक दिया.  किचन में घुस कर तोड़फोड़ करते हुए सभी गंज, किचन का सामान फेंक दिया, सब्जियां, दाल , मसाले, ग्रेव्ही के गंजो को पलता दिया और उसमे रखा सारा सामान बिखरा दिया. ढाबे का मालिक बाहर निकल, जोर जोर से कंपा देनेवाली आवाज निकलते हुए वे लोग वेटर वीरेश अन्ना को मार रहे थे, उसको इतना मारे की वह बेहोश हो गया. उसके कपडे फाड़ दिए उसको नंगा करके मारे. उसको मराठी भाषा समझती नही क्योंकि वह कर्नाटक का रहने वाला हैं और कन्नड़ – हिंदी ही जानता हैं. वह बचाओ बचाओ चिल्ला रहा था, उसको ये लोग घेर घेर कर मार रहे थे और मराठी में गालियाँ देकर चिल्ला रहे थे. किचन के पास खड़ीं टू-व्हीलर गाडी सुझुकी समुराई MH 31 AS 4790  को तोड़ना-फोड़ना शुरू कर दिया, उसकी टंकी पिचका दिए उसका लाईट तोड़ दिए, इंडिकेटर तोड़ दिए. तोड़फोड़ करते हुए कैश काउन्टर में घुसे, वहां राखी हुई वस्तुओ को फेंका, उसमें सिगरेट के ३-४ डब्बो को निकालकर जेब में डाल लिया, कैश काउंटर में रखे हुए देवी देवताओ की फोटो को फेंक दिया. उन्हें पैरो तले रौंदा. हमारे सामने देवताओ का अपमान किया. हमारी धार्मिक भावनाओ को दुखाया शिवाजी महाराज की फोटो को फोड़कर, फाड़ दिया. बहुत गन्दी गन्दी गलियाँ दी. कैश काउंटर के पास ही मुस्लिम भाईयो के इबादत के लिए दरगाह बनाई गई हैं, उसे उन्होंने तोड़ दिया, हरा कपड़ा और फूलो की चादर को पैरो तले रौंदकर कैश बोक्स (गल्ले) में से रूपये 17,000 के नोटों के बंडल को निकालकर दिखा दिखाकर चिल्ला रहे थे. “किसमें दम हैं, कौन माई का लाल हैं जो भी ढाबा मालिक यहाँ रहेगा, नौकर यहाँ रहेंगा उसे बहुत मार मारेंगे. छोड़ेंगे नहीं, अपनी जान की खैरियत चाहते हो तो भाग जाओ यहाँ से. नहीं तो छोड़ेंगे नहीं.”  कैश बोक्स (गल्ले) में रखी सोने की अंगूठी (5 ग्राम) भी उन्होंने ले ली.  वे लोग नाईट पैन्ट और हाफ टी-शर्ट पहने हुए थे. उनके गाडी के पीछे में पट्टे वाली गाड़ी टोल नाके की क्र. MH 40 Y-9883  भी खड़ी थी. जिसमे पुलिसवाले और ४-५ लोग और बैठे हुए थे. वे सभी यह देख रहे थे.
        मैं बहुत डर गया, बाजूवाले खेत के बगल में ही लाल गाय वाले लोगो का बेडा हैं, मैं अपनी जान बचाकर ढाबे से भाग निकला और लाल गाय वालो के बेड़े में आकर छुपा. उन्हें इतनी रात में जगाया और ढाबे में हो रही डकैती लूटमार की घटना की जानकारी दी. उन्हें मनाया की मुझे मदत करो, मेरे साथ ढाबे पर चलो. वे लोग मेरी दशा को देखकर मेरे साथ चल पड़े. उनका गमछा मैंने अपने सिर पर बांधकर, मैंने उनके जैसा रूप ले लिया. मैंने अपने घर पर पिताजी को मो.क्र. 9423615646 पर फोन करके ढाबे में हो रही डकैती मारपीट लूटमार की जानकारी दी. जिसपर पिताजी ने ग्रामीण पुलिस कंट्रोल रूम को फोन करके सहायता की मांग करने की बात कही और बताया की वे भी तुरंत घर से ढाबे के लिए निकल रहे हैं.
       लाल गाय वालो को साथ में लेकर जब मैं ढाबे पर पहुंचा तो देखा की वे लोग अभी भी तोड़ फोड़ कर रहे थे, जोर जोर से चिल्ला रहे थे. ट्रक ड्राइवरों को मार रहे थे. सारा सामान, टेबल, खाना निचे गिरा पड़ा था. वे लोग दारू पिए हुए थे और मर्डर करने की बात को जोर जोर से चिल्ला रहे थे. “हमारा कोई कुछ नही उखाड़ सकता हैं, सभी नेता, पुलिस हमारी जेब में हैं,आजके बाद से इस ढाबे पर कोई नही दिखना चाहिए  नही तो अंजाम बहुत बुरा होंगा.” यह कहकर वे लोग सफ़ेद स्कार्पियो गाड़ी में बैठकर चले गए. उनकी गाड़ी के साथ ही टोल नाके की गाड़ी भी चली गई. हमारे पिताजी और भाई ४.०० बजे के आस-पास ढाबे पर पहुंचे. उन्हें देखकर हमारी जान में जान आयी. हम सभी दहशत में थे, ट्रक वाले भी डरे सहमे थे.
         सुबह 8 .00 बजे  मैं, अभिजित सिंह शिवबहादुर सिंह ठाकुर, अपने पिताजी को साथ लेकर, अन्य नौकरों को साथ लेकर मौदा पोलिस स्टेशन थाने में पहुंचकर पुलिसवालो को इस घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने की विनंती की. उन्होंने हमें खाली भूखे पेट वही स्टेशन पर बिठाये रखा. हमें उठने तक नहीं दिया गया. पुलिसवालों ने हमें उल्टा चिल्लाया की रिपोर्ट करवाने क्यों आये हो. इस केस में कुछ नही होनेवाला हैं. यहाँ से निकल जाओ. इस मामले को आगे मत बढाओ.
            आखिर में माथनी- मौदा गाँव के कुछ रहिवासियों को इस घटना की जानकारी मिली वे लोग मौदा पोलिस स्टेशन पहुंचे. उन्होंने हमारी हालत देखी और पुलिसवालों का न्याय रवैया देखा. बढती भीड़ को देखकर दोपहर १.00  बजे के बाद पुलिसवालो ने प्राथमिकी FIR दर्ज करने की सहमती दर्शाई. मैंने मुंह जबानी सभी घटना को कह सुनाया, उन्होंने FIR में पुरे तथ्य न लिखकर अपनी आधार पर रिपोर्ट लिखी. मैंने इसपर आपत्ति जताई की FIR में सभी बातो का होना आवश्यक हैं इसपर उन्होंने मुझे उल्टा डांट दिया और कहा की यहाँ साइन करो. कानून नियम सब हम पुलिसवालों को पता हैं. दिन रात यही काम करते हैं. FIR में क्या लिखना हैं और क्या नही लिखना हैं इसका ज्ञान हमें मत सिखाओ. तुम्हे जितना बताया हैं उतना करो. यहाँ साइन करो.
         और मैंने उनके कहने पर उस FIR रिपोर्ट पर साईन कर दिए. उन्होंने मुझसे २-३ कोरे कागजो पर भी साइन करवाएं. दिनांक 12/09/2017 को संध्याकाल 5.00 बजे के करीब जब हम अपने वकील जी के साथ मौदा न्यायालय में गए तो पता चला की 3 आरोपियों को पेश किया गया था, उन्होंने जमानत की अर्जी दी थी. मेरे पिताजी श्री. शिवबहादुर सिंह कमलसिंह ठाकुर जी ने वकील के द्वारा जमानत अर्जी का विरोध किया लेकिन वह नामंजूर की  गई.
        उन्हें जमानत मिल गई , इस घटना से हमारा परिवार दहशत में हैं, हमारे ढाबे के कर्मचारी दहशत में हैं. हमें जान का खतरा बना हैं की कभी भी अनहोनी बात हो सकती हैं. हमें पुलिस द्वारा न्याय नहीं मिला हैं, आरोपियों की सरलता से जमानत हो गई हैं. इतना डर हैं की हमारे २ नौकर ढाबे की नौकरी छोड़ दिए हैं. और अन्य नौकर भी छोड़ने का मन बना चुके हैं.
         पोलिस स्टेशन मौदा, टोल नाका अधिकारीयों और बड़े राजकीय नेताओ की इसमें संलिप्तता होने से इसे साधारण घटना नही कहा जा सकता हैं. यह सुनियोजित रची हुई साजिश हैं . पालकमंत्री श्री. चंद्रशेखर बावनकुले (नागपुर) का नाम लेकर डकैती डालनेवाले, बावनकुले के खास आदमी ‘नरेश मोटघरे व् यशवंत मोटघरे (आरोपी)’ की सहभागिता की जांच होना अति-आवश्यक हैं, बावनकुले के खास आदमी होने से मौदा पुलिस, नागपुर ग्रामीण पुलिस भी किसी प्रकार की कार्यवाही सही तरीके से नही कर रही हैं,अतः आपसे निवेदन हैं की इस साजिश के पिछे कौन लोग हैं, उनकी मंशा क्या हैं इसका पता करना अति-आवश्यक हैं.
       आपसे विनंती करता हूँ की इस घटना की निष्पक्ष जांच क्राइम ब्रांच से करवाई जाएँ ताकि आरोपियों को सही सजा मिल सके, इनकी दहशत से नागरिको को मुक्ति मिल सके. यही आपसे प्रार्थना हैं, न्याय मिले. इस घटना की पुनः जांच कराइ जाएँ .
अर्जदार :

अभिजित सिंग शिवबहादूर सिंग ठाकूर
D-137, पी & टी कॉलनी, काटोल रोड, नागपूर.१३
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