तू जो नहीं है तो, कुछ भी नहीं है
ये माना की, महफ़िल जवान है हसीं है
समझ में न आये, ये क्या माजरा हैं
तुझे पाकर दिल में, ये खाली सा क्या है
क्यों हर वक्त, दिल में, कोई बेखली है
क्यों हर वक़्त, सीने में , रहती कमी है
मुझे फिर तबाह कर, मुझे फिर रुला जा
सितम करने वाले , कहीं से तू आजा
मैं जिंदा हूँ, लेकिन कहाँ ज़िन्दगी है
मेरी ज़िन्दगी , तू कहाँ खो गयी है
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