ज़िन्दगी ऐसा भी हमने तेरा चेहरा देखा
अब तो बंद होने की आँखों को इजाज़त दे दे
आँखों ने तेरा जाग कर रस्ता देखा
उम्र भर साथ चले फिर भी रहे हम तन्हा
हमने कुर्बत में भी ऐसा फासला देखा
उस ने बाहो में समां रखे थे दरिया लेकिन
हमने साहिल को जो देखा भी तो प्यासा देखा
No comments:
Post a Comment